Akasa Air को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत, बिना नोटिस पीरिएड के कंपनी छोड़ने वाले पायलटों को लेकर दिया ये फैसला
Akasa Air Pilots Dispute: बॉम्बे हाई कोर्ट ने अकासा एयर को बड़ी राहत देते हुए कहा कि वो बिना नोटिस पीरिएड सर्व किए कंपनी छोड़ने वाले पांच पायलटों के खिलाफ लीगल एक्शन पर विचार कर सकती है. ये मामला कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आता है.
Akasa Air Pilots Dispute: अकासा एयर को बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. बिना नोटिस पीरिएड सर्व किए एयरलाइन कंपनी से जाने वाले 43 पायलटों को लेकर कोर्ट ने कहा कि Akasa Air द्वारा दायर किया ये मुकदमा उसके विचार करने के अधिकार क्षेत्र में है. अकासा ने बिना नोटिस पीरिएड सर्व किए कंपनी से जाने वाले पायलटों से हर्जाना मांगा है. जस्टिस SM Modak ने कहा कि कार्रवाई का एक हिस्सा बॉम्बे हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आता है कि क्योंकि Akasa Air ने मुंबई में इस्तीफे को कुछ शर्तों के साथ स्वीकार कर लिया है.
अकासा ने मांगा 21 करोड़ का हर्जाना
बता दें कि बिना नोटिस पीरिएड सर्व किए कंपनी से जाने वाले 5 पायलटों में से प्रत्येक से कंपनी ने 21 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है. इसके अलावा एम्प्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट को तोड़ने के लिए 18 लाख रुपये की मांग की है.
कोर्ट ने Akasa Air द्वारा दायर की इस लीव पिटीशन को स्वीकार कर लिया है और मामले में अंतरिम राहत देने पर विचार करने के लिए 4 अक्टूबर, 2023 की तारीख तय की है.
DGCA का दखल से इंकार
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
इंट्राडे में तुरंत खरीद लें ये स्टॉक्स! कमाई के लिए एक्सपर्ट ने चुने बढ़िया और दमदार शेयर, जानें टारगेट और Stop Loss
DGCA ने इसके पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में जवाब देते हुए स्पष्ट किया था कि वह पायलटों और अकासा एयर (Akasa Air) के बीच रोजगार समझौते में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. उसके पास एयरपोर्ट संचालकों, एयरलाइन संचालकों या किसी अन्य हितधारकों के संबंध में किसी भी रोजगार अनुबंध और निर्णयों में हस्तक्षेप करने की कोई शक्ति या अधिकार नहीं है.
DGCA ने अदालत से 'अकासा एयर' (Akasa Air) की याचिका को जुर्माना लगाकर खारिज करने का आग्रह किया और कहा, "डीजीसीए एयरलाइन और पायलट के बीच रोजगार समझौते में हस्तक्षेप नहीं कर सकता, जिसमें पायलटों की बर्खास्तगी का मामला शामिल है."
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
03:57 PM IST